नाली निर्माण में अनियमितता , कुछ ही महीनो के बाद नाला जर जर
रिर्पोट: गोड्डा संवाददाता
गोड्डा सदर प्रखंड के सुंडमारा पंचायत अंतर्गत पिपरजोरिया ग्राम में 2 लाख 48 हजार की लागत से नवनिर्मित नाला चढ़ा भ्रष्टाचार की भेट। नाली निर्माण का कार्य पंचायत के मुखिया फंड से होना तय किया गया जिसके बाद योजना की स्वीकृति लाभुक समिति के चयन कर लाभुक समिति के हवाले कर दिया गया। नाली का निर्माण वहां के जानता की सुविधा के लिए बनाया गया था।परंतु विभाग के कर्मी और पंचायत के पदाधिकारी ने अपने अपने रोटी सेंक कर योजना को भ्रष्टाचार के हवाले कर दिया गया । पक्की नाली की गुणवत्ता इतनी खराब है कि महज दो से तीन माह में ही नाली जगह जगह टूटना शुरू कर दिया है ।पिपरजोरिया मांझी टोला में तालामुर्मू के घर के सामने चपाकल से इस नाली का निर्माण हुआ था और करीब 8 जगह पर क्रैक कर अपनी दर्द बयान कर रहा है।ग्रामीणों द्वारा बताया गया की निर्माण के दौरान को सरकारी कर्मी जांच करने नही आते थे कार्य पूर्ण होने के बाद भुक्तान के समय सिर्फ फोटो खींचने आते है तो योजना कितना मजबूत बनेगा ।योजना बनाने वाले सारे लोग में मिल कर काम सीमेंट और घटिया सामग्री का प्रयोग कर योजना की किसी प्रकार बना कर तैयार कर दिया और भुक्तान कर लिया गया।
इस मामले पर क्या कहते है मुखिया
इस मामले पर मुखिया अनिता सोरेन से बताया की कार्य अच्छे तरीके से करने की निर्देश दिया गया था बाबजूद अगर घटिया कार्य किया है वो गलत किया गया है।ओर गुणवत्ता की जांच करना तो इंजिनियर का काम है।इंजिनियर से बिल बनाया तो मैने भुक्तान कर दिया।
क्या कहते है इंजिनियर
इस मामले पर इंजिनियर कौशल कुमार यादव ने कहां को जहां जहां नाली टूटा है मैं लाभुक समिति को निर्देश दे कर उसे ठीक करने बोलूंगा । सवाल यह उठता है की अगर नजर नहीं पड़ती तो शायद से योजना और तीन से चार महीने में पूरी तरीके से टूट कर ध्वस्त हो जाता । नाली के उपर पैर से दबाव देने से किनारे किनारे टूटना शुरू हो जाता है।
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